नई दिल्ली- वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का रास्ता साफ हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर कानून मंत्रालय ने भी सहमति दे दी है। इसके लिए सरकार चुनाव आयोग को कानूनी शक्ति देगी। वोटर आईडी को आधार से लिंक करने पर फर्जी और डुप्लिकेट वोटरों को हटाया जा सकेगा। साथ ही प्रवासी मतदाताओं को रिमोट वोटिंग अधिकार देने में आसानी होगी। पेड न्यूज और गलत चुनावी हलफनामे सहित चुनाव सुधार जैसे मुद्दों पर आयोग की कानून मंत्रालय के साथ बैठक हुई। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा ने कानून मंत्रालय के सचिव जी नारायण राजू के साथ बैठक में वोटर आईडी को आधार नंबर से जोड़ने पर चर्चा।
नए-पुराने सभी को देना होगा अपना आधार नंबर-
चुनाव आयोग ने कहा था कि फर्जी वोटरों पर लगाम लगाने के लिए सभी पुराने और नए वोटर कार्ड धारकों को अपना आधार नंबर देना होगा। हालांकि अगर कोई व्यक्ति ऐसा नहीं करता है तो भी उसका नाम वोटर लिस्ट से हटाया नहीं जा सकता है और न ही उसे लिस्ट में शामिल होने से रोका जा सकता है।