महंगाई पर मोदी सरकार फेल

नई दिल्ली- भारत के बाजारों में दिसंबर की तुलना में जनवरी माह  की खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ है। जनवरी में यह 7.59 फीसदी हो गई है। जबकि दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 7.35 थी। ज्ञात हो कि खाने-पीने की चीजों के कीमत बढ़ने की वजह से महंगाई दर पिछले 6 साल में सबसे ज्यादा हो गई है। 



खुदरा महंगाई दर बढ़ने की वजह से रेपो रेट में कटौती की संभावना काफी कम है। खुदरा महंगाई दर आरबीआई के निर्धारित लक्ष्य की ऊपरी सीमा को भी पार कर चुकी है। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित खुदरा महंगाई दर दिसंबर 2019 में 7.35 फीसदी थी। जबकि इसके मुकाबले पिछले साल जनवरी में महंगाई दर सिर्फ 1.97 फीसदी थी।


आरबीआई की सीमा के अनुसार खुदरा महंगाई दर 4-6% तक होना चाहिए। लेकिन अब खुदरा महंगाई दर बढ़ने से रेपो रेट में कटौती की उम्मीद काफी कम है। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में इजाफे की वजह से खुदरा महंगाई की दर में उछाल आया है. यह लगातार चौथा महीना है जब खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के मध्‍यावधि लक्ष्‍य 4 फीसदी से ऊपर रही है।