सागर- संत रविदास जयंती के मौके पर सागर में आयोजित भव्य जयंती समारोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने करीब 3000 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात सागर के जनता को दी। नए कलेक्ट्रेट भवन, स्मार्ट सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर समेत कई विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया। साथ ही साथ बरसो से उपेक्षा का दंश झेल रही लाखा बंजारा झील के सौंदर्यीकरण समेत कई कार्यों का भूमिपूजन किया।
पीटीसी ग्राउंड में आयोजित संत रविदास महाकुंभ में कमलनाथ के साथ मंत्री लखन घनघोरिया, गोविंद सिंह राजपूत समेत कई मंत्री और विधायक शामिल हुए।
इस दौरान कमलनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि रविदास जी का संदेश भाईचारे-एकता का था। संत रविदास समाज सुधारक थे और उन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया । उन्होंने कहा कि व्यक्ति जन्म से नहीं बल्कि अच्छे कार्मो से श्रेष्ठ होता है।
''हर साल का हिसाब दूंगा प्रदेश को ''-
बेरोजगारी और सीएए को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुंह चलाने और देश चलाने में बहुत अंतर होता है। साथ ही भाजपा के 15 साल के कार्यकाल पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने मध्यप्रदेश को बर्बाद कर दिया। किसानों और युवाओं का दर्द नहीं समझा । लेकिन, 15 साल बाद प्रदेश की जनता ने भरोसा किया है, निराश नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि अभी हमें केवल 14 महीने ही हुए हैं और हर साल प्रदेश को अपने काम का हिसाब दूंगा।
''दलितों के नाम पर राजनीतिक पर्यटन करके लौटे CM''-गोपाल भार्गव
संत रविदास महाकुंभ को लेकर गोपाल भार्गव ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, 'प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री कमलनाथ दलितों के हितैषी बनने की कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन दलित उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।'
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ दलितों के नाम पर राजनीतिक पर्यटन करके लौट आए। कमलनाथ ने ना तो धनप्रसाद अहिरवार के परिजनों से मिलना उचित समझा और ना ही दलितों के उत्थान के लिए कोई वचन दिया।
मुख्यमंत्री पर सीधा हमला बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कमलनाथ मध्य प्रदेश को संभाल नहीं पा रहे हैं और केंद्र सरकार एवं प्रधानमंत्री मोदी को कोस रहे हैं। पीएम मोदी ने घोषणा पत्र में किए वादों को सिर्फ 6 माह में ही पूरा किया। जबकि कमलनाथ सरकार अब तक अपना एक भी वचन पूरा नहीं कर पाई है। भार्गव ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए सोनिया गांधी के इशारों पर नाच रहे हैं, लेकिन उन्हें प्रदेश की चिंता बिल्कुल नहीं है। मुख्यमंत्री कमलनाथ मुंह चलाने के बजाय प्रदेश पर ध्यान दें तो बेहतर होगा।