आखिर क्यों कमलनाथ से नाराज हैं नेता और विधायक

भोपाल-


कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री तो बन गए परंतु न तो सरकार संभाल पा रहे हैं और ना ही संगठन। विधायक इस कदर नाराज हैं कि उन्हें संभालना मुश्किल हो रहा हैं। एक तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया सरकार को आगाह कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर विधायकों की फौज कमलनाथ को घेरने के लिए तैयार बैठी हैं । गुना जिले के चाचौड़ा जैसी विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले लक्ष्मण सिंह काफी सीनियर नेता है। सिंह पांच बार के निर्वाचित सांसद और तीन बार के विधायक हैं। बावजूद इसके उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया। ऐसा ही हाल मुरैना के विधायक एंदल सिंह कंषाना का हैं। हद तो तब हो गई जब   विधायक के.पी. सिंह जो कि कांग्रेस के ना केवल सीनियर विधायक हैं बल्कि उन्होंने पिछोर विधानसभा को भाजपा से छीनकर कांग्रेस की परंपरागत सीट बना दिया,उन्हें भी आज तक टालमटोल की राजनीति का शिकार होना पड़ रहा हैं। इनमें अनूपपुर जिले से पांच बार विधायक बनने वाले बिसाहूलाल सिंह को भी मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया । जबलपुर जिले के बरगी विधायक संजय यादव ने कांग्रेस पार्टी के महासचिव एवं मध्यप्रदेश के प्रभारी दीपक बाबरिया के सामने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की दावेदारी जताई और बोले, हमें कब तक बच्चा समझा जाएगा। हम भी प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाल सकते हैं। यह सारी  बाते तब सामने आ रही हैं जब हाल ही में भाजपा द्वारा वी.डी. शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया हैं। यादव ने नेतृत्व से सवाल पूछने वाले लहजे में कहा कि- कांग्रेस में सड़क पर लड़ाई लड़ने वाले युवा नेताओं को क्यों मौका नहीं दिया जा सकता? जब वी.डी. शर्मा जबलपुर में एबीवीपी की राजनीति करते थे तो वे नगर युवा कांग्रेस अध्यक्ष व पार्षद थे और शर्मा के खिलाफ उन्होंने राजनीतिक आंदोलन किए थे।